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अगर हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा एक अच्छा इंसान बनें और अच्छा इंसान होने के साथ-साथ उनमें समाज सेवा का गुण भी हों तो इसके लिए हमें बच्चों में शुरू से ही अच्छी आदतों का निर्माण करना होगा। अच्छी आदतें बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रखती हैं। अच्छी आदतें बच्चे के चरित्र एवं व्यक्तित्व निर्माण में सहायक होती हैं। जिन बच्चों में सही समय पर कार्य करने की आदत नहीं होती है वे बच्चे हर दृष्टिकोण से पिछड़ जाते हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। बच्चों को अच्छी आदतों का निरंतर अभ्यास कराएं। बच्चों को बुरी बातों से दूर रखें। सही पर्यावरण दें और खुशनुमा माहौल दें।
आदत शब्द एक ऐसा शब्द है जिसे हम सामान्यतः दिन में कई बार सुनते हैं। हम अक्सर इन वाक्यों का प्रयोग करते हैं जैसे – उसकी ये आदत अच्छी नहीं है, उस बच्चे की लेट उठने की आदत है, वह इस आदत का आदी है, उसकी ये बहुत अच्छी आदत है कि वह सबका सम्मान करता है। इस तरह के वाक्यों से हमारा सामना अक्सर होता रहता है। हम ये कह सकते हैं कि इंसान जो कुछ भी करता है, उसका आदी हो जाता है और उसी को हम आदत कहते हैं। आदतें अच्छी और बुरी दो तरह की होती हैं। अच्छी आदतें इंसान को अच्छा इंसान बनाती हैं वहीं बुरी आदतें इंसान को पतन की ओर ले जाती हैं इसलिए बच्चों में हमेशा अच्छी आदतों का निर्माण करना चाहिए जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। तो आज जानते हैं कि कौन सी अच्छी आदतें हैं जो हमें अपने बच्चों को सिखानी और समझानी चाहिए।
बच्चों में अच्छी आदतों का निर्माण (Building Good Habits In Children)
अनुशासनशील बनाएं
जीवन को सफल बनाने के लिए अच्छी आदतें बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। मेरा मानना है कि सबसे पहले बच्चे को अनुशासनशील बनाएं क्योंकि अनुशासन जिंदगी में बहुत आवश्यक है। बचपन से ही अगर बच्चा अनुशासन में रहना सीख गया तो वह मुश्किल हालातों के बावजूद भी कभी जीवन में हार नहीं सकता क्योंकि उस बच्चे को समय की कीमत पता होती है। समय से उठना, समय से पढ़ना और समय से खेलना यही सब चीज़ें तो बच्चे को अनुशासन सिखाती हैं। ये गुण अगर बच्चे में बचपन से ही आ जाए तो बच्चा अपने जीवन में हमेशा प्रगति की ओर अग्रसर रहेगा।
विनम्र बनना सिखाएं
बच्चों को विनम्र बनना सिखाएं। विनम्रता का गुण एक ऐसा गुण है जो लोगों का सम्मान करना सिखाता है। बच्चों को अपने से बड़ों का आदर करना सिखाएं। उन्हें अच्छे से बात करना सिखाएं। इसके लिए सबसे पहले आप अपने बच्चों के साथ सम्मान के साथ पेश आयें। क्योंकि बच्चा जो देखता है, वही सीखता है। बच्चे में अच्छे गुणों का विकास घर से ही होता है। बच्चा अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखता है। अगर बच्चा विनम्र स्वभाव का है तो बच्चे की हर कोई तारीफ करेगा। जिससे बच्चे को सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी और बच्चा बेहतर बनने का प्रयास करेगा।
बच्चों को समय दें
आजकल पेरेंट्स अपने काम में बिजी रहते हैं। उनके पास अपने बच्चों तक के लिए समय नहीं है। वे बस आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहते हैं। वे ये भूल जाते हैं कि इन सब चीज़ों के चक्कर में वे अपने मासूम बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बच्चे गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं। जरूरी है कि आप अपने बच्चों के लिए समय निकालें। उन्हें बाहर घुमाने ले जाएं, परिवार के लोगों से मिलाएं। उनकी पढ़ाई के बारे में उनसे बात करें। उन्हें प्रेरणादायक कहानियाँ सुनाएं और अच्छा माहौल दें। ऐसा करने से बच्चों के अंदर अच्छी आदतों का निर्माण होगा।
अच्छे खान-पान के बारे में बतायें
आजकल छोटे-छोटे बच्चों में भी बहुत अधिक बीमारियाँ हो रही हैं और इसकी वजह है अच्छा खान-पान न होना। अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई बच्चों के स्वास्थ्य के साथ समझौता कर रहा है और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बच्चे भी बाहर की चीज़ें खाना सीख गए हैं। उन्हें घर के खाने में स्वाद नहीं आता है। बच्चों को जंक फ़ूड पसंद है। बच्चों को नहीं पता कि रोज-रोज इस जंक फूड को खाने के कारण उनमें कितनी बीमारियाँ बढ़ रही हैं। पैरेंट्स को अपने बच्चों में खान–पान की अच्छी आदतें विकसित करनी चाहिए। जिससे वह स्वस्थ रहेंगे और तभी उनका पूर्ण रूप से विकास होगा।
गैजेट्स की जगह किताबों के बारे में बताएं
आजकल बच्चों ने किताबों से दूरी बना ली है। उन्हें बस मोबाइल, कंप्यूटर, इंटरनेट का साथ चाहिए। इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव ये है कि गैजेट्स के इस्तेमाल से बच्चे संवेदनहीन हो रहे हैं। माता-पिता को चाहिए कि इसके लिए एक समय निश्चित करें। बच्चों को व्यावहारिक बनाएं। स्मार्टफोन या अन्य गैजेट्स देने के साथ-साथ उन्हें उनके अच्छे और बुरे परिणामों के बारे में बताएं और बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखें। बच्चों को किताबों के बारे में बताएं। इसके लिए आप घर में छोटी सी लाइब्रेरी बना सकते हैं। उनमें कहानी की किताबें, नैतिक शिक्षा की किताबें और कुछ प्रेरणादायक किताबें भी रख सकते हैं। जिससे बच्चे का ध्यान अन्य चीज़ों की तरफ से हटकर किताबों में लगा रहेगा।
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building good habits in children,responsible citizen,cleanliness and hygiene
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