कुछ समय पहले तक देश मे कुछ चीजों तक पहुंच सिर्फ साभ्रांत लोगों तक ही पहुंच हो पाती थी। सीधी भाषा में कहें तो कुछ जरुरी आइटम को लग्जरी आइटम के तौर पर देखा जाता था। उन्हीं में से सेनेंटरी नैपकिन पैड्स भी शामिल है। पहले सिर्फ शहर की ही महिलाओं को सेनेंटरी नैपकिन के विषय में पता होता था, लेकिन जब से सरकार द्वारा स्वक्क्षता से संबंधित जागरुकता को बढ़ावा दिया जाने लगा तब से सेनेंटरी पैड्स की मांग ग्रामिण ईलाकों में भी होने लगी। इसी के साथ बढ़ने लगा सेनेंटरी पैड्स का बिजनेस। क्यंकि अब सेनेंटरी पैड्स लग्जरी आईटम नहीं है बल्कि एक जरुरी चीज है, जो हाईजीन के लिए बेहद जरुरी है। इस आर्टिकल में हम बताने जा रहे हैं कि सेनेंटरी पैड्स का बिजनेस कैसे किया जा सकता है।
सैनिटरी नैपकिन का बिजनेस
आमतौर पर सैनिटरी नैपकिन की विभिन्न किस्मों को बाजार में उपलब्ध पाया गया है, लेकिन वे बहुत महंगे हैं और ग्रामीण एवं वंचित महिलाओं और लड़कियों के लिए सस्ती नहीं है। बाजार में बिकने वाले महिलाओं से जुड़े अन्य उत्पादों में से सैनिटरी पैड की मांग सबसे अधिक रहती है। इसलिए सैनिटरी पैड का व्यापार खोलकर कम समय में अधिक लाभ कमाया जा सकता है। इस समय भारत में कई कंपनियों द्वारा सैनिटरी पैड बेचे जा रहे हैं और ये कंपनियां काफी लंबे समय से भारत में सैनिटरी पैड बेचने का कार्य कर रही हैं. इन कंपनियों के अलावा हाल ही में और भी कई कंपनियों ने सैनिटरी पैड बेचने का कार्य हमारे देश में शुरू किया है।
सैनिटरी पैड्स की में क्या गुण होता है?
-
वे कोमलता के उच्च स्तर और शिथिल फिट फाइबर है।
-
वे स्वच्छ फाइबर के बने होते हैं।
सैनिटरी पैड्स की क्या मार्केट है?
भारत में नरेद्न मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से बहुत से क्रांतिकारी बदलाव हुआ है। उन्होंने स्वच्छता को लेकर भारत स्वच्छता मिशन कार्यक्रम शुरु किया और बहुत सी सरकारी योजनायें चलाई है । टेलिविजन पर औरतों की स्वच्छता को लेकर काफी अभियान चलाए जा रहें हैं और ऐसा होने से औरतों के बीच स्वच्छता उत्पादों को लेकर काफी जागरूकता बढ़ रही है। जागरुकता बढ़ने से स्वच्छता प्रोडक्टों मांग भी हमारे देश में काफी बढ़ती जा रही है।
पहले जहां सिर्फ शहरों में उपयोग किया जाने वाला आरओ पानी अब गांव – गांव में उपयोग किया जाता है। ठीक इसी तरह से सैनिटरी पैड्स जहां पहले सिर्फ शहर की महिलाएं उपयोग करती थीं, अब ग्रामिण महिलाओं द्वारा सैनिटरी पैड्स की मांग होने लगी है। आने वाले समय में काफी वृद्धि होने वाली है.
एक प्रतिष्टित रिसर्च फर्म के अनुसंधान में यह आंकड़ा निकल कर आया है कि आने वाले वर्षों में महिला संबंधित हाईजिन प्रोडक्ट की मांग में भारी उछाल होने वाला है। इससे यह कह पाता बहुत आसान हो जाता है कि आने वाले समय में सैनिटरी पैड्स का बिजनेस खुब मुनाफा वाला बिजनेस साबित होगा।
सैनिटरी पैड्स का बिजनेस कैसे हो सकता है?
सैनिटरी नैपकिन पैड्स का बिजनेस दो प्रकार से हो सकता है। पहला है किसी कंपनी के द्वारा बनाये गये सैनिटरी पैड्स को बेचना। दूसरा है- खुद से फैक्ट्री लगाकर सैनिटरी पैड्स का उत्पादन करना और बेचना। दोनों ही प्रकार में बेहतर कमाई हो सकती है।
अगर बात करें कि सैनिटरी पैड्स का बिजनेस करने में कितना धन लगेगा तो पहले वाले प्रकार का बिजनेस करने में यानी किसी कंपनी के प्रोडक्ट को बेचने का बिजनेस करनें में 3 से 4 लाख रुपये इनवेस्ट करना होता है। वहीं सैनिटरी पैड्स का उत्पादन करने का बिजनेस करने में 10 लाख से 25 लाख रुपये के बीच रकम लगती है।
पैसो का इंतजाम कैसे करें?
भारत सरकार स्वच्छता को तो बढ़ावा दे ही रही है साथ ही कारोबार करने के लिए भी प्रोत्साहन भी दे रही है। सरकार द्वारा सरकारी योजना चलाकर बिजनेस लोन देने का उपक्रम किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में तमाम एनबीएफसी से भी बहुत आसानी से बिजनेस लोन मिल जाता है। तो आपके सामने यह विकल्प भी है कि आप बिजनेस लोन की मदद से अपना बिजनेस शुरु कर सकते हैं और समय आने पर बिजनेस को बड़ा भी कर सकते हैं।