भारत में ऐसे लोगों की बहुत अधिक संख्या है, जो खुद का बिजनेस तो चलाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इतना पर्याप्त धन नहीं होता है, जिससे वह बिजनेस स्टार्ट कर सके। वही ऐसे भी लोगों की संख्या भी बहुत अधिक है, जो बिजनेस तो कम धन में शुरु कर देते हैं, लेकिन एक समय बाद उन्हें बिजनेस बढ़ाने की आवश्यकता महसूस होती है।
बिजनेस बढ़ाने में धन की जरूरत होती है। कई बार ऐसी परिस्थितयां खड़ी हो जाती हैं, कारोबारी का पैसा मार्केट में फंस जाता है, जिसके चलते कारोबारी के पास पैसा होते हुए भी, पैसा हाथ में नहीं होता है। ऐसे में कारोबारी के लिए बिजनेस लोन सबसे बेहतरीन विकल्प साबित होता है।
वर्तमान में, लगभग सभी सरकारी – प्राइवेट बैंकों के साथ एनबीएफसी कंपनियों से बिजनेस लोन बहुत आसानी से मिलता है। आपको जानकारी के लिए बता दूं कि देश की प्रमुख एनबीएफसी ZipLoan द्वारा बिजनेस के खर्चों को मैंनेज करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन और 3 लाख रुपये तक का लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान किया जाता है। लाइन ऑफ क्रेडिट में यह सुविधा है कि उपयोग की गई धनराशि पर ही ब्याज देना होता है।
बिजनेस बढ़ाने में बिजनेस लोन निम्न तरीके से सहायता कर सकता है।
वर्किंग कैपिटल मैनेज करने में सहायता होना: बिजनेस बड़ा हो या छोटा, सभी तरह के बिजनेस को चलाने में हर रोज के कुछ दैनिक खर्चे होते हैं। दैनिक खर्चो ट्रांसपोर्ट का खर्च, कर्मचारियों के चाय नाश्ते का खर्च, कच्चे माल खरीदने का खर्च, कोई जरूरी उपकरण खरीदने का खर्च इत्यादि शामिल होता है।
जब बिजनेस में वर्किंग कैपिटल की कमी हो तो बिजनेस लोन की सहायता से वर्किंग कैपिटल की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
नई मशीनरी खरीदने में सहायक: कारोबार सर्विस सेक्टर का हो या मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का, सभी में नई मशीनरी की आवश्यता बनी रहती है। सर्विस सेक्टर के बिजनेस मे कोई उपकरण खरीदना पड़ सकता है, वहीं मैनुफैक्चरिंग बिजनेस मे कोई कल पुर्जा या कोई मशीन खरीदना पड़ सकता है।
ऐसे में तत्काल पैसों की जरूरत होती है। अब कारोबारी के पास तत्काल में पैसों का इंतजाम नहीं हो पाता है, तो बिजनेस में बिछड़ने का चांस रहता है। यहां पर बिजनेस लोन की सहायता से नई मशीन या कोई नया उपकरण खरीद करके जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
नये कर्मचारी काम पर रखने में सहायक: बहुत बार ऐसा होता है की कारोबार में कुछ ऐसे ट्रेंड लोगों को नौकरी पर रखना होता है, जो लोग कोई खास काम को बेहतरीन तरीके से कर सके। इससे मुनाफा बढ़ता है। अब ऐसी स्थिति में बिजनेसमैन के पास अगर उस कर्मचारी को सैलरी देने के लिए पैसा नहीं रहेगा तो, कैसे मुनाफा बढ़ सकता है? यहां पर काम आता है– बिजनेस लोन। बिजनेस लोन लेकर उस ट्रेंड कर्मचारी को नौकरी पर रखा जा सकता है। जब बिजनेस का मुनाफा बढ़ने लगे तो, बिजनेस लोन को आसानी से चुकाया जा सकता है।
बिजनेस की नई ब्रांच खोलने में सहायक: अक्सर ऐसा देखा गया है कि कोई एक दुकान बहुत फेमस हो जाती है। लोगों को किसी भी चीज की जरूरत होती है, वह उसी दुकान पर पहुंचते हैं। इनफैक्ट लोग दूर – दूर से उस दुकान पर आना शुरु कर देते हैं।
यह मौका होता है, बिजनेस की नई ब्रांच किसी और लोकेशन पर शुरु करने के लिए। अब कारोबारी के पास खुद पर्याप्त धन होता है, तो दिक्कत की कोई बात नहीं होती है। लेकिन, कारोबारियों के पास इतना धन नहीं होता है, की वह अपनी दुकान की नई ब्रांच किसी और लोकेशन पर खोले तो, यहां बिजनेस लोन बहुत शानदार तरीके से मदद कर सकता है।
बिजनेस लोन की सहायता से बिजनेस की नई ब्रांच खोला जा सकता है। इस तरह हम देखते हैं कि बिजनेस लोन की सहायता से बिजनेस बढ़ाने में बहुत आसानी होती है।