प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून की कमी के कारण गर्भवती महिला और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। प्रेगनेंसी के दौरान माँ में खून की कमी के कारण बच्चे की इम्युनिटी और उसके शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं को उल्टी आना, जी मिचलना और चक्कर आना जैसी परेशानियों से जूझना पड़ता है। प्रेगनेंसी के दौरान एक गर्भवती महिला के शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। शरीर में इन तत्वों की कमी से प्रेगनेंट महिला और उसके शिशु के स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। प्रेगनेंसी में अधिकतर महिलाओं को एनीमिया यानि खून की कमी की शिकायत होती है। एनीमिया की समस्या में गर्भवती महिला के खून में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने से खून में आयरन की कमी हो जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून की कमी के कारण गर्भवती महिला और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। प्रेगनेंसी के दौरान माँ में खून की कमी के कारण बच्चे की इम्युनिटी और उसके शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान माँ में खून की कमी होने से बच्चे पर क्या असर होता है-
प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया होने से प्रसव से पहले दर्द उठने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इसके साथ ही एनीमिया के कारण प्रसव के दौरान कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे डिलीवरी के दौरान खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है।
यदि प्रेगनेंसी के दौरान माँ को एनीमिया की शिकायत हो तो इससे प्रीमैच्योर डिलीवरी होने की संभवना ज़्यादा रहती है। यदि गर्भवस्था के दौरान महिला को खून की कमी हो तो इससे होने वाला शिशु कमजोर पैदा होता है।