बिजनेस लोन कितने प्रकार का होता है? जानिए लोन के सभी प्रकार

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बिजनेस लोन कितने प्रकार का होता है? जानिए लोन के सभी प्रकार

बिजनेस फाइनेंस कई बार मुश्किल लग सकता है। विशेष रूप से आज की तरह एक गतिशील वातावरण में। एक कारोबारी के रूप में, आप अक्सर अपने आप को एक विशेष बिजनेस आवश्यकता को पूरा करने के लिए फंड पूरा करने के सर्वोत्तम संभव तरीके के बारे में विचार कर सकते हैं। बिजनेस की आवश्यकताएं जैसे प्रॉपर्टी खरीदने, नई मशीनरी खरीदने, या वर्किंग कैपिटल की आवश्यकताओं पूरा करने के लिए फंड चाहिए होता है। इन सब के लिए बिजनेस लोन बहुत सहायक निधि साबित हो सकता है। भारत में कारोबारियों के लिए 10 विभिन्न प्रकार के बिजनेस लोन उपलब्ध हैं।

टर्म लोन  

बिजनेस फाइनेंस के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक टर्म लोन है। टर्म लोन प्रकृति में सुरक्षित या असुरक्षित (सेक्योर्ड लोन या अनसिक्योर्ड लोन) हो सकता है। उपलब्ध राशि बिजनेस के क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है। लोन टेन्योर 1 से 5 अनसिक्योर्ड लोन के लिए होता है। 15 से 20 साल सेक्योर्ड लोन के लिए होता है। टर्म लोन एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए लिया जाता है, आम तौर पर बिजनेस की आवश्यकताओं के  लिए पूरा करने होता है। टर्म लोन की एक खास बात है कि यह लोन वित्तिय संस्थान से एकमुश्त मिलता है।

स्टार्ट-अप लोन

एक स्टार्ट-अप लोन नए बिजनेस उपक्रमों (नये बिजनेस को शुरु करने के लिए) के लिए होता है। इस तरह के बिजनेस लोन के लिए आवेदक का बिजनेस संबंधी कार्यो की कमी के कारण बिजनेस पर बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री नहीं हो सकता है। इस प्रकार, बिजनेस लोन पात्रता को पूरा करने के लिए, लोनदाता संस्थान के साथ उधारकर्ता की व्यक्तिगत क्रेडिट प्रोफ़ाइल को ध्यान में रखेगा। वर्तमान टर्नओवर के आंकड़े और अन्य के साथ लोन की राशि, टेन्योर और ब्याज दर को लागू करने का निर्णय लेने के लिए माने जाते हैं। बिजनेस स्थापित किया जाना चाहिए, और आवेदक को बिजनेस शुरु करने का प्रुफ और रजिस्ट्रेशन का प्रमाण प्रस्तुत करना होता है।

वर्किंग कैपिटल लोन

वर्किंग कैपिटल लोन, बिजनेस के दिन-प्रतिदिन के आधार पर बिजनेस संचालित करने के लिए नकदी की कमी को दूर करने के लिए लिए गए लघु बिजनेस लोन के प्रकार हैं। यह बिजनेस चलाने के लिए आवश्यक कैश-फ्लो मैनेंज में करता है। ऑफ-सीजन के दौरान कैश की कमी से निपटने या पीक सीजन के दौरान मांग को पूरा करने के लिए भी यह लोन सहायक है।  

एमएसई के लिए प्रॉपर्टी लोन

एसएमई लोन के तहत बिजनेस की प्रॉपर्टी या खुद कारोबारी की प्रॉपर्टी को फाइनेंस कंपनी या बैंक के यहां गिरवी रखकर एमएसएई लोन मिलता है। प्रॉपर्टी लोन की खास बात यह होती है कि यह 50 लाख रुपये तक का आसानी से मिल जाता है और लोन चुकाने के लिए भी अधिक समय मिलता है।

इनवाइस फाइनेंस

इनवाइस फाइनेंस की फंडिंग विशेष रूप से छोटे बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके तहत कारोबारी को इनवाइस के अमाउंट पर 80% तक फाइनेंस मिल जाता है। कारोबारी इससे अपने बिल का भुगतान कर लेता है, तो वह निर्धारित अवधि और ब्याज दर के अनुसार।  

महिलाओं के लिए बिजनेस लोन

कुछ वित्तीय संस्थानों में महिला कारोबारी के लिए बिजनेस लोन पर विशेष योजनाएँ हैं। यहां तक कि भारत सरकार ने भी छोटे से मध्यम आकार के बिजनेस की स्थापना के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए पहल की है। महिला कारोबारियों के लिए विशेष लोन के लाभ में लोन राशि, स्टार्ट-अप लोन, मानक ब्याज दरों पर छूट और तेजी से लोन प्रक्रिया शामिल है

ओवरड्राफ्ट

ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रॉपर्टी के आधार पर प्रदान की जाती है, खासकर वित्तीय संस्थान के साथ जब टर्म लोन के साथ यह सुविधा प्रदान की जाती है। लोन प्रदान करने वाला संस्थान, लोन के लिए आवेदन करने वाले कारोबारी का क्रेडिट हिस्ट्री संस्थान, कंपनी या बैंक के साथ संबंध, बिजनेस कैश-फ्लो और पिछले लोन का रिपेमेंट रिकार्ड के आधार पर कारोबारी को ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है।

उपकरण के लिए लोन

मैन्यूफैक्चरिंग बिजनेस मे नये उपकरण की आवश्यकता होती है। नयी मशीनरी की खरीद करना होता है। पुरानी मशीनरी का मरम्मत कराना होता है। इसके लिए फंड चाहिए होता है। कई बैंक और एनबीएफसी हैं जहां से उपकरण के लिए बिजनेस लोन मिलता है। कारोबारी इसका लोन का लाभ उठा सकते हैं। इस तरह के लोन पर ब्याज दर कम लगती है और लोन टेन्योर भी अधिक होता है।

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