Disclaimer: This is a user generated content submitted by a member of the WriteUpCafe Community. The views and writings here reflect that of the author and not of WriteUpCafe. If you have any complaints regarding this post kindly report it to us.

मुद्रा यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लिमिडेट। एमएसएमई के विकास तथा फाइनेंशियल जरुरतों से संबंधित गतिविधियों हेतु भारत सरकार द्वारा गठित एक संस्था है। इसकी घोषणा माननीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2016 का बजट पेश करते हुए की थी। 

मुद्रा योजना का उद्देश्य एमएसएमई सेक्टर के अंतिम छोर पर स्थित विभिन्न संस्थाओं जैसे बैंकों/गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा एनबीएफसी कंपनियों के माध्यम से बिजनेस लोन उपलब्ध कराना है। मुद्रा लोन योजना के तहत तीन कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन मिलता है|

मुद्रा लोन लेने का नियम

जिस प्रकार से अन्य कोई लोन लेने का एक नियम होता है। ठीक उसी प्रकार मुद्रा लोन लेने का भी नियम बनाया गया है। मुद्रा लोन लेने का नियम निम्नलिखित हैः

मुद्रा लोन योजना के तहत एक सिमित दायरा में बिजनेस लोन मिलता है

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों जैसे पीएसयू बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, अल्प वित्त संस्थाओं तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के माध्यम से बिजनेस लोन दिया जाता है। लेकिन सरकारी बैंको को छोड़कर अन्य के मामलों में मुद्रा योजना द्वारा अधिकृत होना अनिवार्य होता है।

सलेक्टेड बिजनेस को ही मुद्रा लोन योजना के तहत बिजनेस को मिल सकता है

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत जिन बिजनेस के लिए बिजनेस लोन मिल सकता है, उन बिजनेस की लिस्ट निम्नलिखित हैः

  1. प्रोपराइटरशिप फर्म  
  2. पार्टनरशिप फर्म  
  3. छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट  
  4. सर्विस सेक्टर कंपनी  
  5. दुकानदार  
  6. फल-सब्जी विक्रेता  
  7. ट्रक/कार ड्राईवर
  8. होटल मालिक  
  9. रिपेयर शॉप  
  10. मशीन ऑपरेटर  
  11. छोटे उद्योग  
  12. फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट  
  13. ग्रामीण एवं शहरी इलाके का कोई अन्य ग्रामोद्योग  

मुद्रा लोन लेने के लिए पात्रता निर्धारित की गई है

भारत का कोई भी नागरिक जिसकी गैर-कृषि क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधि जैसे मैन्यूफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग बिजनेस या सर्विस सेक्टर का कोई बिजनेस हो जिसको 10 लाख रुपये से कम की बिजनेस लोन की आवश्यकता हो, वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत मुद्रा लोन प्राप्त करने के लिए किसी बैंक, अथवा लिस्टेड गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) से संपर्क कर सकता है।  

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत बिजनेस लोन लेने के लिए लोन देने वाले बैंक या एनबीएफसी कंपनी के सामान्य निबंधनों व शर्तों का पालन करना प़ड़ सकता है। उधार-दरें (लोन की ब्याज दर) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशानुसार तय होती हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के कार्यान्वयन की निगरानी होती है

राज्य स्तर पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की निगरानी राज्यस्तरीय बैंकर समिति के ज़रिए और राष्ट्रीय स्तर पर मुद्रा/ वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार द्वारा की जाती है। इस उद्देश्य हेतु मुद्रा ने एक पोर्टल विकसित किया है, जिसमें बैंक तथा अन्य एनबीएफसी कंपनियां सीधे अपनी उपलब्धि के विवरण भरती हैं।

मुद्रा लोन न देने पर संबंधित बैंक या कंपनी के खिलाफ कार्यवही होती है

बिजनेस लोन मंजूर न करने की दशा में यानी मुद्रा लोन नहीं दिए जाने के विरुद्ध शिकायतें संबंधित बैंक के उच्चतर प्राधिकारियों, जैसे क्षेत्रीय प्रबंधक/आंचलिक प्रबंधक के यहाँ दर्ज़ कराई जा सकती हैं, बशर्ते लोन मंजूर करने में बैंक के अधिकारियों की ओर से कोई चूक हुई हो। और ग्राहक द्वारा सभी शर्तों को पूरा किया गया हो।

Login

Welcome to WriteUpCafe Community

Join our community to engage with fellow bloggers and increase the visibility of your blog.
Join WriteUpCafe