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किडनी खराब है तो रखें इन बातों का ध्यान

बदलते समय और बदलती जीवनशैली में अक्सर आपको स्वास्थ से संबधित कई सारी परेशानियां आ सकती हैं| जो आपको शरीर में कई सारी दिक्कतें दे सकती हैं| इसके लिए जरुरी है कि आप अपने शरीर का खास ध्यान रखें| इसके लिए जरुरी है कि आप अपनी जीवनशैली में सुधार करें| बदलता खान-पान हमारे शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है| यह हमारे शरीर को हर तरफ से प्रभावित करता है| जब आप अनावश्यक जीवन शैली को अपनाते हैं तो यह आपकी किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकती है| आज हम आपको बताएँगे कि जिनकी किडनी में खराबी है उन्हें अपने स्वास्थ को लेकर किन बातों का ध्यान देना होगा|

किडनी मानव शरीर में क्यों जरुरी है:

किडनी शरीर में ब्लड को फ़िल्टर करने का काम करती है| किडनी आपके शरीर में जमा गंदगी को बाहर करने में मदद करती है| अगर आप अपने रोजाना के जीवन में कुछ भी बदलाव करते हैं, जैसे अपने खाने-पीने में, अपने व्यायाम में, अपने सुबह उठने के समय में, रात को सोने के समय में बदलाव, अपने नियमित क्रिया कलापों में बदलाव… तो इससे आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए एक बेहतर कोशिश कर सकते हैं| सबसे पहले हम बात करते हैं किडनी के काम के बारें में कि यह काम कैसे करती है| किडनी हर मिनट 1.3 लीटर रक्त साफ़ कर सकती है|

किडनी की स्टेज:

किडनी की बीमारी के 5 स्टेज होते हैं, जिसके आधार पर doctor (Ayurveda Kidney Specialist) द्वारा इसका इलाज़ और इसका बचाव किया जाता है|

पहली स्टेज:

किडनी खराबी की पहली स्टेज में क़िडनी की काम करने की क्षमता 90 से 100% होती है| इस स्थिति में eGFR 90ml/min से ज्यादा होता है| यह किडनी खराबी का शुरूआती दौर होता है| इस स्टेज में शरीर में कोई खास संकेत नजर नहीं आते| यूरिन से जुड़े कुछ बदलाव नजर आते हैं| अगर यूरिन से जुड़े इन बदलावों को अनदेखा न किया जाये तो आपको किडनी खराबी का पता XRAY , MRI , CT SCAN , या SONOGRAPHY से चल सकता है|

दूसरी स्टेज:

किडनी खराबी की दूसरी स्टेज में eGFR 60 से 89% होता है, और इसके बाद किडनी के मरीज़ में कुछ खास बाते नज़र आने लगती हैं:

जैसे बार-बार पेशाब जाना या हाईब्लड प्रेसर की शिकायत रहना| अगर ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और सही जांच करवानी चाहिए|

तीसरी स्टेज:

बात करते हैं किडनी खराबी की तीसरी स्टेज की| इस स्टेज में किडनी के कार्य करने की क्षमता यानी कि eGFR 30 से 59% हो सकता है| इसमें यूरिनरी फंक्शन में बदलाव तो होता ही है| साथ ही थकान , चक्कर आने जैसी समस्या भी होने लगती है| इसके बाद आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत हो जाती है, और उनके कहे अनुसार इलाज़ लेना होता है|

चौथी स्टेज:

किडनी की बीमारी की चौथी स्टेज वो होती है जिसमें eGFR की कार्य क्षमता 15 से 29% हो जाती है| ऐसी स्थति में मनुष्य की किडनी रक्त को सिर्फ 15 से 29% ही साफ कर पाती है| इस स्टेज में शरीर में समस्याएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं| इस स्टेज में यूरिनरी फंक्शन में बदलाव तो होता ही है| साथ ही जलन, बार-बार पेशाब का एहसास होना लेकिन पेशाब ना होना, रात के समय पेशाब ज्यादा जाना, थकान होना, बार-बार चक्कर आना जैसी परेशानी हो सकती है|

पांचवी स्टेज:

किडनी खराबी की पांचवी स्टेज जिसको किडनी खराबी की आखिर स्टेज भी कहते हैं| इसमें किडनी रक्त को सिर्फ 15% या उससे कम छानने में समर्थ होती है| यह किडनी खराबी की आखरी स्टेज होती है| इसमें मरीज़ को डायलिसिस करवाने की तकलीफ से गुज़ारना पड़ता है या फिर किडनी ट्रांसप्लांट जैसी नोबत भी हो सकती है|

किडनी के मरीज़ किन बातों का ध्यान रखें:

जिनकी किडनी में खराबी आ जाती है उन्हें अपने जीवन में काफी सारे बदलाव करने की जरूरत होती है| जिसमें उन्हें सबसे पहले अपनी डाइट में बदलाव करने जरुरी होते हैं| किडनी मरीजों के लिए आहार का बड़ा ही महत्व होता है| किडनी मरीजों के लिए खाने-पीने में विशेष ध्यान देना होता है| चलिए पहले डाइट के बारे में ही जान लेते हैं:

  • किडनी के मरीज़ अगर अपने आहार में गाजर, खीरा, पत्तागोभी, टिंडा, शिमला मिर्च, लौकी ,परवल, सेब, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी को शामिल करें| इनका सेवन किडनी के लिए फायदेमंद होता है| इसके विपरीत जिमीकंद, स्प्रिंग ओनियन, भिंडी, मूली के पत्ते, स्वीट पोटैटो ,अरबी, शलगम, पालक, पुदीना, धनिया इन सभी का सेवन किडनी के मरीजों के लिए हानिकारक होता है तो इसका सेवन न करें|
  • किडनी के मरीजों के लिए ऐसी किसी भी चीज़ का सेवन पूरी तरह वर्जित माना जाता है जिसमें पोटेशियम, फास्फोरस, प्रोटीन, सोडियम या क्लोराइड की मात्रा बहुत अधिक हो क्योंकि इसका सेवन किडनी के लिए हानिकारक होता है|
  • अगर आप लाल अंगूर का सेवन करते हैं, तो यह किडनी को स्वस्थ और साफ़ रखने में मदद करता है | लाल अंगूर में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी, विटामिन-सी, विटामिन बी6, फोलेट, पोटेशियम, आयरन, और कैल्शियम पाया जाता है|
  • दही का सेवन भी किडनी को अन्दर से साफ रखने में मदद करता है| दही में प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होता है, जो किडनी को अन्दर से साफ रखने में मदद करते हैं| साथ ही यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं| जिससे आपकी डैमेज किडनी के काम पर असर नहीं होता|
  • नींबू भी किडनी को डिटॉक्स करने का एक अच्छा साधन है| नींबू में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसका सेवन किडनी को डिटॉक्स कर रक्त से क्रिएटिनिन को बाहर करता है| जिससे किडनी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है|
  • इसके साथ ही किडनी को डिटॉक्स करने के लिए अगर आप सेव के सिरके का सेवन करते हैं तो यह भी आपके लिए लाभदायक होता है| अगर आप रोजाना सेब के सिरके को सुबह एक ग्लास पानी में 2 चम्मच डालकर पीने से किडनी की समस्या को दूर किया जा सकता है|

यह सब चीज़ों किडनी को साफ़ रखने के लिए फायदेमंद है, पर जिसको भी किडनी में किसी भी प्रकार की समस्या है वो इन सब चीज़ों का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें|

आप अगर अपने जीवन में आहार से लेकर हर काम समय पर करने की आदत डाल लें तो  यह आपकी किडनी के स्वास्थ के लिए लाभदायक होगा साथ ही जीवन में व्यायाम और आयुर्वेद Ayurvedic kidney treatment को शामिल करना आपको बहुत फायदेमंद होगा|

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