Disclaimer: This is a user generated content submitted by a member of the WriteUpCafe Community. The views and writings here reflect that of the author and not of WriteUpCafe. If you have any complaints regarding this post kindly report it to us.

Post Highlight

नैतिकता की दुनिया ऐसी नहीं है कि आप एक तरफ नैतिक हो जाएं या अनैतिक हो जाएं। हमारे जीवन में ऐसी बहुत सी परिस्थितियाँ आती हैं जहाँ हमें नैतिक और अनैतिक होना पड़ता है, नैतिक या अनैतिक एक समय पर होना संभव नहीं होता। Ethics और Morality जैसे शब्दों को हमने अंग्रेजी में बहुत बार पढ़ा है जिनका हिंदी में अनुवाद करने पर नैतिकता अर्थ सामने आता है। लेकिन जब हम इनकी परिभाषा की ओर अग्रसर होंगे तब हमें इनके बीच का अंतर स्पष्ट होगा। चलिए उदाहरण के जरिये हम इन दोनों के बीच का अंतर समझते हैं। जब समाज और कानून की बात आती है तब हम Ethically सोचते हैं वहीँ जब हम आंतरिक विचारों को महत्व देते हैं या मानवीय संवेदनाओं Human Feelings को समझते हैं तब हम Morally सही होते हैं। लेकिन हम एक समय पर नैतिक और अनैतिक नहीं हो सकते हैं। चलिए इस अंतर को करते हैं स्पष्ट जानते हैं क्या है Moral और Ethics में अंतर?

एथिक्स और नैतिकता महज ये एक शब्द नहीं है बल्कि एक मार्गदर्शक बल (Guiding force) है, जो हर पल हमारे साथ होता है और हमे, हमारे लिए जो सही है उस दिशा में अग्रेषित करता है।नैतिकता के आधार पर हम बड़े-बड़े नेताओं को अपना पद त्यागते देखते हैं,अनएथिकल व्यवहार (unethical behavior) के आधार पर कई लोगों को नौकरियों से निकाला जाना देखते हैं। तो सवाल यही आता है कि आखिर क्या है एथिक्स और नैतिकता।

एथिक्स और नैतिकता में अंतर्द्विंद (Conflict Between Ethics And Morality)

Ethics और Morality का जब इस्तेमाल इंग्लिश में होता है तो ये कहना आसान हो जाता है कि दोनों में कुछ तो फर्क होगा, पर वहीं जब इसका इस्तेमाल हिन्दी में होता है तो अंतर जैसे मिट सा जाता है। वो कैसे? क्योंकि एथिक्स और मोरालिटी दोनों का प्रयोग हिन्दी में नैतिकता के लिए कर दिया जाता है। अब जब दोनों का प्रयोग नैतिकता के लिए होगा तो स्वाभाविक है कि अंतर को पृथक करना काफी मुश्किल होगा।

हालांकि हिन्दी में भी जब एथिक्स के लिए नीतिशास्त्र या आचार-विचार या फिर आचारशास्त्र का प्रयोग किया जाता है, तो थोड़ी सी पृथकता नजर आने लगती है। फिर भी पूरी तरह से इसके बीच अंतर का पता नहीं चल पाता है।

नैतिकता क्या है? (what is morality)-

नैतिकता एक वैल्यू है, जो हमें हमेशा, हर क्षण, हर मोड़ पर, हर स्थिति में हमें बताता है कि हमारे लिए क्या सही है और क्या नहीं। ज़िंदगी में ऐसे क्षण आते रहते हैं जब हमें कोई एक ही निर्णय लेना होता है, पर हमारे पास विकल्प कई होते हैं और, सभी सही होते हैं । पर न चाहते हुए भी हमें एक का ही चुनाव करना पड़ता है। अक्सर हम इसे कुछ इस तरह से कह देते हैं कि दिल कुछ और कह रहा है दिमाग कुछ और कह रहा है। दोनों ही सही है। पर करें तो करे क्या?

इस तरह देखें तो हर एक निर्णय में जहां द्वंद्व या कहें की मानसिक संघर्ष Mental Conflict होता है वहाँ हम हर बार कुछ न कुछ का त्याग करते हैं, या छोड़ देते हैं। क्योंकि हमें कोई एक ही निर्णय लेना होता है और उसपर आगे बढ़ना होता है, पर आप गलत नहीं होते है क्योंकि नैतिकता है ही ऐसी चीज़ |

एथिक्स क्या है? (What is Ethics)

किसी संगठित समूह, व्यवसाय आदि के आचार संहिंता (Code of conduct) के मानकों के अनुरूप आचरण को एथिक्स कहा जाता है। अगर हम किसी कंपनी में उसके कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार ही काम करते हैं, तो हमारा ये काम एथिकल हुआ।

एथिक्स और नैतिकता में अंतर (Difference Between Morals And Ethics)

Ethics, philosophy की एक ब्रांच है यह जीवन को जीने के सलीके या नियम और विनियम rules, regulations के बारे में हमें बताते हैं। जो विज्ञान, नैतिकता क्या है ? के साथ-साथ क्या होनी चाहिए ? में रूचि रखे उसे ethics कहते हैं। ethics में जब समाज और कानून की बात आती है तब हम ethically सोचते हैं वहीँ जब हम आंतरिक विचारों को महत्व देते हैं या मानवीय संवेदनाओं को समझते हैं तब हम morally सही होते हैं। भूखे को खाना खिलाना नैतिकता है। समान्य स्थिति में जो व्यक्ति किसी सेवा का आकांक्षी है , परन्तु उसे प्रताड़ित किया जाए तो ऐसी अवस्था में यह प्रक्रिया अनैतिक कहलाती है। वहीँ नीतिशास्त्र के मुताबिक ऐसे कार्य जो न नैतिक हो या अनैतिक उन्हें निर्नैतिक कहते हैं, उदहारण के तौर पर कपड़े धुलना निर्नैतिक ethical कार्य है। एथिक्स और मोरालिटी को पर्यावाची के तरह देखा जाता है जबकि हम जानते हैं कोई भी दो पर्यायवाची अपूर्ण पर्याय होते हैं।

एथिक्स बाह्य एजेंसी या संस्था द्वारा निर्धारित होता है। उपरोक्त केस में देखें तो यहाँ वो बाह्य एजेंसी समाज है। जबकि नैतिकता हमारे मन, हमारे अंतरात्मा (Conscience) द्वारा निर्धारित होती है। यानी कि नैतिकता हमारा आंतरिक गुण है।

इसे दूसरे शब्दों में कहें तो किसी संगठित समूह, व्यवसाय आदि के आचार संहिंता (Code of conduct) के मानकों के अनुरूप आचरण को एथिक्स कहा जाता है। जबकि एक व्यक्ति के रूप में हमारे जीवन मूल्य और सिद्धांतरूपी मानकों के अनुरूप आचरण को Morality या नैतिकता कहा जाता है।

अगर हम किसी कंपनी में उसके कोड ऑफ कंडक्ट के अनुसार ही काम करते हैं, तो हमारा ये काम एथिकल हुआ। वहीं अगर किसी कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट में लिखा है कि ग्राहक के साथ हमेशा अच्छे से पेश आए लेकिन हम बेहूदगी से पेश आते हैं तो हमारा ये काम अनएथिकल (Unethical) हुआ।

यहाँ पर एथिकल के लिए नैतिक शब्द का इस्तेमाल और अनएथिकल के लिए अनैतिक शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन आप देख रहें है कि दोनों किसी बाह्य कोड ऑफ कंडक्ट द्वारा संचालित हो रहे हैं ।

कभी-कभी ऐसा समय आता है जब हम Ethically Correct होते हैं लेकिन Morally Wrong और कभी-कभी ऐसा भी समय भी आता है जब हम Morally Correct होते हैं लेकिन Ethically Wrong। इसका क्या मतलब है? आइये इसे उदाहरण से समझते हैं।

Tags:

what is morality, what is morality in ethics, ethics and morality

इस लेख को पूरा पढ़ने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें –

लेटेस्ट हिंदी बिज़नेस न्यूज़ पढ़ने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें –

 

https://www.thinkwithniche.in/
Do you like Think With Niche's articles? Follow on social!

Login

Welcome to WriteUpCafe Community

Join our community to engage with fellow bloggers and increase the visibility of your blog.
Join WriteUpCafe