Sunny's articles

मेरे अटल जी – Narendra Modi अटल जी अब नहीं रहे। मन नहीं मानता। अटल जी, मेरी आंखों के सामने हैं, सà¥�थिर हैं। जो हाथ मेरी पीठ पर धौल जमाते थे, जो सà¥�नेह से, मà¥�सà¥�कराते हà¥�à¤� मà¥�à¤�े अंकवार में भर लेते थे, वे सà¥�थिर हैं। अटल जी की ये सà¥�थिरता मà¥�à¤�े à¤�कà¤�ोर रही है, असà¥�थिर […]
विचार मरते नहीं, शबà¥�द चिरायà¥� है, आपके कहे हर शबà¥�द, आपकी लिखी हर बात हमारे बीच है, और रहेंगी। राषà¥�टà¥�र सदैव आपका ऋणी रहेगा, हिनà¥�दी, हिनà¥�दू और हिंदà¥�सà¥�तान को आपके जाने का दà¥�ख है पर फिर आशाà¤�ं भी है कि आपके लगाà¤� पौधे इस चमन के चेहरे को बदल देंगे। आपकी सदा ही जय हो […]
अगर बधाई से फà¥�रà¥�सत मिले तो आज आप अपने बचà¥�चों को आजादी के लिà¤� किà¤� गà¤� संघरà¥�ष को अवशà¥�य याद दिलाà¤�, उनà¥�हें यह भी बताà¤� कि 200 वरà¥�षों तक देश अखणà¥�ड रहा और सà¥�वतंतà¥�रता जब देहरी पर खड़ी थी तो किन सà¥�वारà¥�थियों ने, न केवल मà¥�लà¥�क के दो(तीन) टà¥�कड़े किये बलà¥�कि लाखों लोगों को मरने […]
समसà¥�त भरतवंश को सà¥�वतनà¥�तà¥�रता दिवस की हारà¥�दिक शà¥�भकामनाà¤�ं.. हम सब ऋणी है उन हजारों-लाखों सà¥�वतनà¥�तà¥�रता सेनानियों के जिनà¥�होंने अपने पà¥�राणों की आहà¥�ति देकर इस देश का समà¥�मान सà¥�थापित किया। मितà¥�रों देश की करेंसी पे जगह कम है, शायद इसीलिये केवल गांधीजी फिट बैठते है, पर हमारे और आपके दिलों में उन कà¥�रांतिवीरों के लिà¤� आदर […]
सारी कथाएं, सारे प्रवचन, सत्य की महिमा सुनाते, हर किताब, हर लेख, सत्य की ही विजय बताते, पर एक सत्य यह भी है इस दो-गली दुनिया की, कि जब जब मैंने सत्य कहा मेरे अपने तक हम से है कट जाते… सत्य बिना श्रृंगार की वह सुंदरी है जिसका सौंदर्य नहीं सब बूझ पाते, सत्य […]
आज अपनी ही तस्वीर देखी तो कमबख्त ये ख़्याल आया, कि लिखते रहे औरों को इतना डूबकर कि खुद का ख्याल भी नहीं आया, औरों को लुभाने की चाह में मैं खुद को ही भूला आया, आज कहते है सभी अपने कि थोड़ा मैं भी मुस्कुरा लूं, पर कैसे कि वजह लेकर वो सावन अब […]
जन्नत में मुझको दिलचस्पी नहीं है, पर सुना है वहाँ हूरें 72 मिलती है.. सम्भव है दीदार हो उस पर्दानशीं का वहाँ, जो मेरे मुहल्ले से रोज गुजरती है.. उसको देखा नहीं पर वो अज़नबी भी नहीं है, कि उसकी नजरों में मुझे दुनिया तमाम मिलती है.. हसरतों में सिर्फ वो है ऐसा भी नहीं […]
हे कृष्णा, मेरी कलम में तुम थोड़े, बंसी के लय घोलो न.. मुझे पढ़कर सबमें प्रेम बढ़े, ऐसे किस्से मुझसे गढ़वाओं न.. सुनने को सब मुझे भी ललचे, कुछ ऐसी मायाजाल बिछाओ न.. मेरी कलम में तुम थोड़े, बंसी के लय घोलो न.. प्रेम-धर्म की स्थापना को, हे वसुदेव तुम जब उतरते हो, तो कभी […]
उसकी अच्छी बातें, उसकी हाथों पर कलेवा, उसका नाम, उसका प्यार, सब फ़रेब निकला.. उसके इश्क़ में डूब कर, मैंने क्या-क्या न किया, मेरे वसूल, मेरा विश्वास बदला, हर रिश्ते-नातेदार बदला, और जिसके साथ कि खातिर मैंने खुद को बदला, वह इश्क़, वह आशिक़, उसका नाम तक झुठा निकला.. खैर, तब माँ मेहंदी के गीत […]
हक़ीक़त रूठी परी है कबसे, फिर भी ख्वाब रिझाने आते है, है सब स्व में ही मगन फिर भी, वो मेरे है दिखाने आते है.. क्या कहूँ क्या लिखूं तुमसे, कि तुम्हें तो बस पढ़ने अक्षर आते है, पढो गर पढ़ सको भावों को, कि वहीं तुम्हें इंसान बनाते है.. पर्सनालिटी डेवलपमेंट का है ये […]
माना मैंने ताजमहल नहीं बनाया है, पर मैंने किसी और का महल भी नहीं गिराया है.. माना मैं अब तक हूँ महरूम, शोहरत की रौशनी से, पर फिर मैंने कर बदनाम किसी को, अंधेरा भी नहीं फैलाया है.. माना मेरे(श्री श्री रविशंकर नहीं) वचन, प्रवचन की श्रेणी में अब तक नहीं आते, पर मैंने किसी […]
ऐसा नहीं है कि मेरे तरकस में तीर नहीं है, पर बेवजह बहरों में खर्च करने को अब अनमोल शब्द नहीं है.. बड़ी-बड़ी बातें और बनावटी सपनों की आंधी है शहर में, सच ढ़ेर है जमीं पर कि उसके कोई साथ नहीं है.. तस्वीर बदलने को तो मेरी खामोशी भी है काफी, पर तकदीर में […]
अब जब ईमान उसके इश्क़ पे ले आया हूँ, उसी के ख्यालों से, खूबसूरत दुनिया कर पाया हूँ, हर नेकी, हर ज़कात की ख़्वाहिश, अब जो उससे मिलकर ही आई है, तो क्या कल दिखेगी मुझको भी मेरी चाँद, क्या कल मिलेगी मुझको भी मेरी ईदी, कि महीनों मैं भी उसकी तड़प में न खा […]
तुमसे मिलके दिल ये मेरा, खुदा का जन्नत है हो गया, जीने लगी हो तुम जो मुझमें, मेरा मन वृंदावन है हो गया, तुमसे मिलके दिल ये मेरा, खुदा का जन्नत है हो गया। रहने लगा हूँ खुश अब सबसे, हर जीव से नाता हो गया, करने लगा हूँ दिल खोल के बातें, तुम्हारे ज़िक्र […]
To my beautiful wife on our Anniversary.. आज हमारा इश्क़ थोड़ा और सयाना हो गया, दिल ने कभी जो ख्वाब न देखे, वो सब अब हक़ीक़त हो गया… हर लत से मुझको तौबा ही था, पर तुम्हारे साथ का आदत हो गया, जो कभी जीवन मे उतरेगा नहीं, वो नशा है मुझको हो गया.. तुमसे […]
हिंदु धर्म पुनर्जन्म में विश्वास रखती है और मैं परिवर्तन में और ये परिवर्तन पुनर्जन्म ही है समझना थोड़ा मुश्किल है पर समझा जा सकता है, अगर बिलीफ, लॉजिक और मैजिक की खिचड़ी बनाये एकदम कांग्रेस और जेडीएस की तरह…I mean येन-केन-प्रकारेण खैर अपन यह कह रहे थे कि आप ये जो किसी की भी […]
खरौना तिरहुत नहर कुम्हार के उस घड़े में भले बर्फ नहीं जमता, पर पानी ठंडी रहती है। पीपल के छांव तले AC का शोर नहीं पलता, वहां तो मदमस्तत हवाएं प्रकृति के गीत गाती रहती है। गाँवों में आज भी वाटर पार्क और स्विमिंग पूल नहीं मिलता, वहां बचपन नदी-नहर-तालाबों में तैरती रहती है। आज […]
गया शहर में अपनी एक अलग पहचान बना चुके चर्चित विद्यालय, जी. डी. गोयंका पब्लिक में शनिवार को स्कूल ऑडिटोरियम में इंवेस्टिचर सेरेमनी(प्रतिस्ठापन समारोह ) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को उनकी कर्तव्यों व उत्तरदायित्वो को समझाने और भविष्य में सफल नेता बनने के लिए सशक्त रूप से सक्षम बनाना था। […]
मेरे शब्द उसके ख्वाब लिखते है और आँसू उसकी हक़ीक़त। उसकी तस्वीरें दिल को सुकून देते है, और उसकी याद दिल को तड़प। ———-–——––—–——————- माफ करना मैं मशीन नहीं, जो तुमको यूजर मैन्युअल दे दूं, अगर तलब है तो उतरो आंखों में, मैं तुमको प्यार का दरिया दे दूं। ©सन्नी कुमार -सन्नी कुमार Original link
गोलू शरीर से बड़ा था तो मोलू को हमेशा कम आंकता था, वहीं दूसरी ओर मोलू बहुत परिश्रमी था और गोलू को नजरअंदाज करता था। कल की ही बात है जब मोलू ने GPL में 52 रन ठोक दिए वो भी मात्र 23 गेंदों मे पर कप्तान गोलू उससे नाराज रहा और बदले उसकी सराहना […]
मेरे कोई शब्द इतने मधुर नहीं, कि कोई कविता लिखूं जिसने मुझे रचा उसके भाव, मैं कैसे रचूं? वो मेरी उम्मीदों का आसमां है, उसके दुआओं की बरसात में मैं रोज भिंगु, उसकी सारी चाहतें, सारे ख्वाब मुझसे है, कृष्णा देना इतनी हिम्मत मैं माँ को सदा खुश रखूं। ©सन्नी कुमार (रविवार देख के मदर […]
बनवास पे था मेरे घर का बचपन, सबको खबर हो वो अब लौट आया है, चहकने लगी है आज सीढिया छत की, जो उनसे लिपटने, उनपे रेंगने, नन्हें कदमों का दौड़ आया है.. सज रही है खिड़की पार की पेड़-पौधे-झाड़ियां, कि उनको समझने, उनकी बात करने, नई नज़र लिए मेहमान आया है, बनवास पे था […]
मिलना जब हो जरूरी, तो अक्सर पल नहीं मिलते, लिखना जब हो कुछ खास, तो अक्सर शब्द नहीं मिलते, आज जब चाहता हूं कि मिलके दूँ तुम्हें मुबारकबाद, समय का खेल है ऐसा कि अब आप नहीं मिलते। है यादों में हमारे, आपका रोज ही आना, पर अब यादों से इतर, हम रूबरू नहीं मिलते, […]
मुस्कुराता रहा दिन भर, जो तुम फिर याद आयी थी, मालूम चला कि तप रहा हूँ बुखार में, जब हक़ीक़त पास आई थी.. थी तुम एक हसीन ख्वाब, जो मुझको मुझसे दूर ले गई, जीवन के कड़वे सच का, इस मूरख को ज्ञान दे गई। आज मस्त हूँ अपने बढ़ते सफर में, फिर ये मौसम, […]
मैं हिंदी का बेटा हूँ, उर्दू मेरी मासी है, भोजपुरी भौजाई दाखिल, बज्जिका मेरी बोली है.. मगही-मैथिली मुझे है चाहने वाले, अवधी-खरी में जी मैं जंचता हूँ, पर अपनों की खास कदर नहीं जी, मैं मूरख अंग्रेजी पे मरता हूँ… ©सन्नी कुमार Original link
कुछ लोग मेरी मजबूरी है, कुछ लोगों की मैं मजबूरी हूँ, कुछ हुए अब तक मजबूर नहीं, मैं उनसा होना चाहता हूँ… कुछ को शोर शराबे की आदत, कुछ चापलूसी के नायक है, कुछ बचे है अब भी कर्मों के सिपाही, मिल जिनसे रोज मैं सीखता हूँ। कुछ बातों के अधिनायक है, कुछ चुप्पी के […]
भावनाओं को समझिए तस्वीर में क्या रखा है, यहां रोज चखते है मूर्ख सफलता का स्वाद लेकर आरक्षण की सीढ़ियां, फिर हुनर में खास क्या रखा है? यहां भारत बंद कराने की राजनीति ही होती आई है सालों से, फिर गरीबी से लड़ाई में क्या रखा है? सरकारी खर्चे पे रिसर्च करने वाला गरीबी से […]
बाबा के जन्मदिन पर उनको बधाई, आप जैसा व्यक्तित्व ढूंढना और समझना बहुत मुश्किल है खास कर तब जब भारतीय किताबों में, शहर के चौराहों पर, आपके संविधान और आपके खेले दलित कार्ड में विरोधाभास हो। I mean एक तरफ जब देश के एक सम्पन्न वकील ने अफ्रीका से क्रांति की शुरुआत की और भारत […]
भारतीय होने के नाते हर निर्णय का सम्मान करता हूँ पर क्या कोर्ट को वाकई हिरण, शेर, बाघ जैसे जंगली जानवर से ही प्यार है, क्या इनको मारना ही, मात्र अपराध है? गाय जैसे घरेलू जानवर के लिए न PETA बोलेगा न हम और न आप पर क्यों? दो पैर वाले जानवर(इंसानों) में भी जो […]
आज वाला SC/ST द्वारा बन्द था, कल वाला करणी सेना द्वारा, उससे पहले वाला पाटीदार वाला, उससे पहले जाट, उससे पहले गुर्जर, उससे पहले….. मने इस बन्द की राजनीति से तुमको मिलेगा क्या?? सुप्रीम कोर्ट क्या त्योहारों पे फैसला सुनाती रहेगी, ये राजनीतिक कैंसर से इलाज कैसे सम्भव हो सकेगा इसके लिए हमलोग कब सोचेंगे? […]
जब देश में चरित्र निर्माण (Character Building) से ज्यादा महत्वपूर्ण मुखौटा निर्माण (Personality Building) होगा तो देश को खतरा कैंसर से नहीं करप्शन से ही होगा। आज हर प्रोफेसन बदनाम है, और हम सबमें व्याप्त करप्शन का कीड़ा हावी हुआ है, और कमोबेश आज ईमानदार सिर्फ वही बचे है जिनको बेईमानी का मौका नहीं मिला […]
एक छोटे से शहर के प्रसिद्ध स्कूल में कक्षा 4 की शिक्षिका थीं जिनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा “आई लव यू ऑल” बोला करतीं थी मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती। वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं और कक्षा में […]
इन आँखों को नम होने दूं न अभी, सफर में कई मोड़ आने बाक़ी है अभी, सजा रहा हूँ तुम्हारे यादों को दिल में, बस जुदाई मिली है, जिन्दा हूँ मैं अभी। तुमसे बिछड़ कर एक पेड़ बनूंगा, रास्ता मैं तुम्हारा रोज तकूँगा, जिस रोज भी लौटी इस राह से तूम, है वादा तुमको मैं […]
बिहारी हूँ, मेहनत करता हूँ, पर पंजाब में, फैक्ट्री लगाता हूँ, पर मौरीसस में, आईएएस, आईपीएस, नेता खूब बनता हूँ, और जब शांति से जीना हो तो दिल्ली, बंगलौर, मुंबई शिफ्ट करता हूँ.. बिहारी हूँ, हर साल छठ में अपने घरवालों से मिलने आता हूँ, उनको मुंबई, गुजरात, दिल्ली की समृद्धि सुनाता हूँ, मिलता हूँ […]
उनके साथ जो गुज़ारे, उस शाम की बातें, वो निश्छल-निगोड़ी, इज़हार-ए-इश्क की बातें, आज मौसम ने फिर बहाई है जो मिलन की बहार, तो याद आईं हमें, उनके इकरार की बातें। वो जो साथ थी मेरे, उनके यकीन की बातें, वो जो उतर गई साँसों में, उस एहसास की बातें, आज शहर में फिर मन […]

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