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KFC का नाम तो हम सभी जानते ही है । हम सभी को सिर्फ ये पता है की KFC आज कितना फेमस है, पर ये मालूम नहीं है की उसके सफलता (Success) के पीछा कितनी मेहनत की गयी थी और वो किसने की थी । कर्नल हरलैंड सैंडर्स Colonel Harland Sanders को लगातार 1008 बार Fail होने के बाद आखिर में सफलता मिली थी । उनको ये सफलता रिटायर्ड होने के बाद में मिली थी । जिस उम्र में लोग रिटायर्ड (Retired) हो जाते है और घर पर बैठ के आराम करते है उसी उम्र में उन्होंने अपने लगातार प्रयत्न से सफलता हासिल की थी । सैंडर्स का जन्म 1890 में हेनरीविले, IN में हुआ था। जब वे छह साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और उन्होंने सैंडर्स को खाना पकाने और अपने भाई-बहनों की देखभाल करने के लिए छोड़ दिया। सातवीं कक्षा में, उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और फार्महैंड के रूप में काम करने के लिए घर छोड़ दिया। तो आज हम KFC (Kentucky Fried Chicken ) के संस्थापक (Kfc Founder) कर्नल हरलैंड डेविड सैंडर्स और Kfc की सफलता की कहानी (Story Of Kfc) के बारे में बात करने वाले है ।

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आमतौर पर कोई भी इंसान एक उम्र तक मेहनत करता है और एक उम्र के बाद वो थक जाता है और फिर सोचता है कि बस अब आराम करना है लेकिन हम आज एक ऐसे शख्स की बात करेंगे जिसने उम्र के उस पड़ाव पर भी संघर्ष किया है जिस उम्र में लोग अपने काम से रिटायरमेंट ले लेते हैं। उनकी संघर्षमय कहानी को सुनकर हर कोई हैरान हो जायेगा। जी हाँ वो शख्स हैं, 65 साल की उम्र में KFC यानी केंटुकी फ्रायड चिकन (Kentucky Fried Chicken) की नींव रखने वाले (Colonel Harland Sanders) कर्नल हार्लैंड सैंडर्स। आज के वक्त में केएफसी के 150 से भी अधिक देशों में 22 हजार से भी अधिक स्टोर हैं। उनकी इस संघर्षमय कहानी (Struggle Story) से हमें लगता है कि प्रेरणा और प्रोत्साहन (Inspiration And Encouragement) जिंदगी का एक ऐसा पहलू है जो किसी भी उम्र में कही से भी मिल सकता है और उस पर अमल करके हम अपनी जिंदगी को बदल सकते हैं। चलिए जानते हैं आज उनकी संघर्ष की कहानी कि उन्होंने कैसे कई बार हारने के बावजूद भी सफलता हासिल की।

केंटुकी फ्रायड चिकन (Kentucky Fried Chicken) के संस्थापक Colonel Sander (Kfc Founder Story) ने अपनी असफलताओं को एक चुनौती के रूप में लिया और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्हें अवसरों में बदल दिया। उनका पूरा जीवन कठिनाइयों से भरा था, भले ही उन्होंने दृढ़ता के साथ अपना बिज़नेस स्थापित किया और सावधानीपूर्वक प्लानिंग (Careful Planning) के साथ विश्व स्तर पर विस्तार किया और इसलिए कहानी युवा उद्यमियों (Young Entrepreneurs) के लिए एक महान प्रेरणा है।

केएफसी ओनर लाइफ स्टोरी (KFC Owner Life Story)

Sander का जन्म 9 सितंबर 1890 को Henryville, IN (INDIANA) में हुआ था। उनके पिता की दुखद मृत्यु तब हुई जब वह केवल छह वर्ष के थे, जिसने उन्हें अपने भाई-बहनों और मां की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए मजबूर किया। आर्थिक समस्याओं के कारण, उन्होंने 7वीं कक्षा में स्कूल छोड़ दिया और लगभग 80 मील दूर फार्महैंड (Farmhand) के रूप में काम करने के लिए घर छोड़ दिया। सौभाग्य से, उनकी माँ ने उन्हें खाना पकाने का कौशल सिखाया जो वह बचपन से ही पूरी दिलचस्पी के साथ करते थे।

केएफसी सफलता की कहानी (Kfc Success Story)

अपनी कमाई के लिए कई अपरंपरागत नौकरियां (Unconventional Jobs) के लिए काम करने के बाद वह एक छोटे से कैफ़े में कुक और डिशवाशर के रूप में शामिल हो गए। इस बीच, वह एक साल के लिए अमेरिकी सेना में शामिल हो गए। राहत मिलने के बाद उन्हें रेलवे ने मजदूर के रूप में काम पर रखा था। बाद में उन्होंने एक बीमा एजेंट (Insurance Agent) के रूप में काम किया, फिर टायर बेचे, लाइटिंग कंपनी में काम किया, एक फेरी बोर्ड संचालित (Ferry Board Operated) किया। रेलवे में अपनी कार्य अवधि के दौरान, उन्होंने कानून का भी अध्ययन किया। अपने बुरे व्यवहार के कारण उन्हें कई बार अपने सहकर्मियों से लड़ाई का सामना करना पड़ा।

आखिरकार, 1930 में, वह उत्तर कोर्बिन (North Corbin) के बाहरी इलाके में एक सड़क किनारे गैस स्टेशन (Gas Station) पर एक स्थायी नौकरी में शामिल हो गए। वह अपने खाली समय में अपने व्यंजनों को पकाते थे और उन्हें अपने गोदाम (Storehouse) से लोगों को बेचते थे जिसे उन्होंने एक छोटे से रेस्टोरेंट में बदल दिया था। रोमांचक बात यह थी कि रात के खाने के साथ-साथ लोगो को उनके द्वारा आयोजित शो देखने का अवसर मिला जिसमें वे आकर्षक कहानियाँ सुनाते थ

और जल्द ही वह पहली बार रेसिपी में प्रसिद्ध चिकन डिश (Famous Chicken Dish) की शुरुआत के साथ हिट हो गए। वर्ष 1937 तक, उन्होंने एक ही समय में 150 लोगों को समायोजित करके अपने Business का विस्तार किया। वह अपने नए व्यवसाय में सफल होने के लिए बेहद खुश थे लेकिन वह हमेशा अपनी उत्पादन प्रक्रिया और ग्राहकों की मांग को बढ़ाने की ओर देखते थे। उन्होंने कई रेस्टोरेंट (Restaurants) की यात्रा की और अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए रेस्टोरेंट मालिकों को मौके पर ही अपनी चिकन रेसिपी दिखाई।

इसके बाद भी उन्होंने बहुत काम किये लेकिन ज्यादा समय तक किसी भी काम में टिक नहीं पाये। ओहायो नदी में steam-boat से सवारियां ढोने का व्यवसाय किया। कुछ समय के बाद उन्हें लगा ये काम उनके लायक नहीं है। इस काम को छोड़ने के बाद एसीटिलीन लैंप बनानी की फैक्ट्री खोली लेकिन ये भी भी बंद हो गयी और उनकी सारी जमा-पूंजी खत्म हो गयी।

इस सफर के दौरान उन्हें 1009 रेस्टोरेंट से रिजेक्शन मिला। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी क्योंकि उन्हें अपनी यूनिक रेसिपी और इसके स्वाद पर भरोसा था। और अंत में, वह दिन आ गया जब कुछ रेस्तरां Sander’s की चिकन रेसिपी बेचने के लिए तैयार हो गए। 1963 तक, लगभग 600 रेस्टोरेंट की रेसिपी (Restaurants recipe) बेचने के लिए सहमत हुए और (Kentucky chicken) इसे एक ब्रांड बना दिया।

Kentucky में फिर से Restaurant की शुरूआत

इतनी असफलताओं के बावजूद भी सैंडर्स ने हार नहीं मानी। 40 वर्ष की उम्र में केंटुकी आकर उन्हें तेल कंपनी से हाईवे किनारे सर्विस स्टेशन चलाने के लिए एक कमरे की जगह मिली। उन्होंने सोचा कि इसी के साथ क्यों न पेन-फ्राइड चिकन भी बनाया जाये। उन्होंने सर्विस स्टेशन (Service Station) के पीछे बने कमरे में एक टेबल और कुछ कुर्सियां डाल दी और वहाँ आने-जाने वाले ड्राइवरों और यात्रियों को पेन-फ्राइड चिकन व अन्य चीज़ें भी बनाकर खिलाने लगे। धीरे धीरे लोगों को उनके बनाये खाने का स्वाद अच्छा लगने लगा। चिकन फ्राई के इस काम में उनका मन लगने लगा। उन्हें वह काम मिल गया था जिस काम को वह मन से चाहते थे। उनके लजीज भुने मुर्ग फ्राइड चिकन (Fried Chicken) लोगों को बहुत पसंद आए। अब वह इस काम में और मेहनत करने लगे। जिससे यह काम उनकी पहचान बन जाये। आख़िरकार बहुत सारे जड़ी बूटियों और मसाले (herbs or spices) से भरपूर पैन फ्राइड चिकन (Pan Fried Chicken) की recipe पूरी बन गयी। अब वह अपने पैन फ्राइड चिकन के कारण मशहूर हो गए और उनका बनाया चिकन केन्टकी के गवर्नर को इतना पसंद आया कि उन्होंने 1935 में हरलेन सैंडर्स को ‘कर्नल’ colonel की उपाधि दे दी। लेकिन उनकी मुसीबत अभी भी खत्म नहीं हुई थी। दुर्भाग्यवश जहां पर सैंडर्स का रेस्टोरेंट था, वहां से एक हाईवे निकलने के चलते उनका रेस्टोरेंट टूट गया। बस फिर संघर्षों का एक और दौर शुरू हुआ।

Tags:

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