Veena's articles शर्मसार होती इंसानियत.. इंसानियत का गिरता ग्राफ … आज का दिन वाकई एक काले दिन के रूप में याद किया जाना था. सबेरे जब समाचार पत्रों में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस समाचार ने ख़त्म होती मानवीय संवेदना का नंगा सच सबके सामने रख दिया और ये सब उस इंसान ने किया जो एक ऐसे पेशे […] March 11, 2018March 11, 2018 Saving Bookmark this article Bookmarked 5?$>- ” 2\@” 8 .>0M- $0M0>7MM0@/ .9?2> &?58 *0 इक लड़की मुस्कराहट, उसकी आँखों से उतर; ओठों को दस्तक देती; कानों तक फ़ैल गई थी. जो उसकी सच्चाई की जीत थी. और उसकी उपलब्धि से आई थी. वो थी, इक लड़की. उसे कदम-कदम पर ये बात याद कराई जाती थी. बहुत बार वह; निराश-हताश हो, लौट जाने की सोचती. पर… हर बार उसे माँ […] March 8, 2018March 8, 2018 Saving Bookmark this article Bookmarked 8 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वो सुबह होते ही वो उठती है और; कुँए से पानी भरकर लाती है. फिर नहाकर; चूल्हा जलाती है, पर… चूल्हा बुझ जाता है. वो धौंकनी से फूंक मारती है; पर गीली लकड़ी एक फूंक में नहीं जल पाती है. फिर एक बार, वो कोशिश करती है. इस बार, केवल धुंआ उठता है. जो उसकी […] March 8, 2018March 8, 2018 Saving Bookmark this article Bookmarked मेरी कविता – जीवन जीवन चित्र – google.com जीवन तुम हो एक अबूझ पहेली, न जाने फिर भी क्यों लगता है तुम्हे बूझ ही लूंगी. पर जितना तुम्हे हल करने की कोशिश करती हूँ, उतना ही तुम उलझा देते हो. थका देते हो. पर मैंने भी ठाना है; जितना तुम उलझाओगे , उतना तुम्हे हल करने में; मुझे आनद […] December 18, 2017December 18, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked हंसिकाएं…..1 पति-पत्नी…1 पति से बोली पत्नी: शादी के पहले मेरा फिगर; था बिल्कुल कोक की बोतल . यह सुन पति बोला: डार्लिंग! ठीक कहती हो; पहले था वह 300 एम् एल, अब है डेढ़ लीटर. —————————– पति-पत्नी …2 पत्नी बोली पति: डार्लिंग काश…! तुम होते अदरक; मै तुम्हे कूटती जीभर . ———————– पति-पत्नी…3 पत्नी बोली पति […] December 12, 2017December 12, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked क्षणिकाएँ………………2 जीवन-मृत्यु चित्र -सौजन्य google.com 1 पेड़ पे ऊगी कोंपल; बन हरा पत्ता, फिर मुरझाया; डाल से टूट गया. 2 मुठ्ठी में भरी रेत; धीरे से फिसली और मुठ्ठी रीत गई. 3 खेत में लहलहाई फसल; पककर कटी, खेत खाली कर गई. 4 पानी का बुलबुला; धीरे से उठ, सतह पर आया; फिर विलीन हो गया. […] December 8, 2017December 8, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked राजनीतिक शुचिता…को जरुरत स्वच्छता अभियान की. हाय जुबान का ये फिसल जाना… हमारे राजनेताओं को पता नहीं जब-तब कौन सा वायरस काट लेता है की उनकी जुबान आयें-बाएं बकना शुरू sorry…! ऐसे मौसम का असर मुझ पर भी हो गया और मेरी जुबान को भी उस वायरस ने काट लिया. खैर… मै तो क्षमा मांग चुकीं हूँ, हाँ…! तो बात हो […] December 8, 2017December 8, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked Cashify.in contest #CleanUpCashOut उफ़…!बीबी का मायके जाना.. Cashify.in ने #CleanUpCashOut कांटेस्ट से जहाँ कुछ नगदऊ कमाने की जुगाड़ बैठा दी वहीँ हमारे अतीत के अँधेरे में गुम कुछ खुबसूरत जुगनुओं को भी ढूँढने की जहमत उठाने का मौका दिया. बात तो आज भी जैसे कल की ही लगती है, आज भी सोचते हैं तो कलेजा मुँह को आता […] October 23, 2017October 23, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked चार लाइन एक्सपायरी डेट दवाई की एक्सपायरी डेट होती है; पता होती है… इंसान की एक्सपायरी डेट होती है. पर…लापता होती है. Original link October 4, 2017October 4, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked रावण और गाँधी…. हम स्वयं अपने रावण हैं…गाँधी हैं… 30 सितम्बर को हमने रावण दहन किया और हर साल की तरह बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का जश्न मना लिया. केवल एक दिन हम इस अच्छाई-बुराई के पाठ को दोहराकर फिर साल भर के लिए भूल जाते हैं. रावण को बुराई का प्रतीक मानकर उसके प्रति अपनी […] October 4, 2017October 4, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked लघु कथा—10 माँ का दिल नये साल की वह पहली सुबह जैसे बर्फ की चादर ओढ़े ही उठी थी. 10 बज चुके थे पर सूर्यदेव अब तक धुंध की रजाई ताने सो रहे थे. अनु ने पूजा की थाली तैयार की और ननद के कमरे में झांक कर कहा,” नेहा! प्लीजनोनू सो रहा है ,उसका ध्यान रखना. […] September 28, 2017September 28, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked ये सचमुच भारत है… भारत यहाँ बसता है...` बचपन में पाठ्यक्रम में एक पाठ हमेशा से ही इस लाइन से शुरू होता था…” भारत गावों में बसता है,,,!!” बात तो आज भी सत्य है क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और गाँव इसकी आत्मा है, पर ठहरिये आज के भारत को अगर आप परखेंगे तो पाएंगे कि अब […] September 28, 2017September 28, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked इंसान का इंसान न हो पाना… इंसान इंसान नहीं है तो फिर… बहुत सोचा कि इंसान वास्तव में खुद के बारे में क्या सोचता होगा…? अगर मुझसे जानना चाहेंगे तो केवल इतना ही कह सकूंगी कि अभी तक इसका जवाब नहीं मिला. पर सच है कि हम खुद से पूछ के देखें तो पाएंगे कि अभी हम पूरी तरह से इंसान […] September 26, 2017September 26, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked use Royale atmos to purify your home ये मेरा घर- ये मेरा घर… “Touch wood”, दुनिया में अगर कोई भी safest place है तो वो है “मेरा घर” और जब घर की बात हो रही है तो गुलज़ार साहब की ये ghazal तो गुनगुनाने का मन भी कर आता है. ” ये तेरा घर ये मेरा घर….” हाँ…. तो मै बात कर […] September 24, 2017September 24, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
शर्मसार होती इंसानियत.. इंसानियत का गिरता ग्राफ … आज का दिन वाकई एक काले दिन के रूप में याद किया जाना था. सबेरे जब समाचार पत्रों में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस समाचार ने ख़त्म होती मानवीय संवेदना का नंगा सच सबके सामने रख दिया और ये सब उस इंसान ने किया जो एक ऐसे पेशे […] March 11, 2018March 11, 2018 Saving Bookmark this article Bookmarked
5?$>- ” 2\@” 8 .>0M- $0M0>7MM0@/ .9?2> &?58 *0 इक लड़की मुस्कराहट, उसकी आँखों से उतर; ओठों को दस्तक देती; कानों तक फ़ैल गई थी. जो उसकी सच्चाई की जीत थी. और उसकी उपलब्धि से आई थी. वो थी, इक लड़की. उसे कदम-कदम पर ये बात याद कराई जाती थी. बहुत बार वह; निराश-हताश हो, लौट जाने की सोचती. पर… हर बार उसे माँ […] March 8, 2018March 8, 2018 Saving Bookmark this article Bookmarked
8 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस वो सुबह होते ही वो उठती है और; कुँए से पानी भरकर लाती है. फिर नहाकर; चूल्हा जलाती है, पर… चूल्हा बुझ जाता है. वो धौंकनी से फूंक मारती है; पर गीली लकड़ी एक फूंक में नहीं जल पाती है. फिर एक बार, वो कोशिश करती है. इस बार, केवल धुंआ उठता है. जो उसकी […] March 8, 2018March 8, 2018 Saving Bookmark this article Bookmarked
मेरी कविता – जीवन जीवन चित्र – google.com जीवन तुम हो एक अबूझ पहेली, न जाने फिर भी क्यों लगता है तुम्हे बूझ ही लूंगी. पर जितना तुम्हे हल करने की कोशिश करती हूँ, उतना ही तुम उलझा देते हो. थका देते हो. पर मैंने भी ठाना है; जितना तुम उलझाओगे , उतना तुम्हे हल करने में; मुझे आनद […] December 18, 2017December 18, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
हंसिकाएं…..1 पति-पत्नी…1 पति से बोली पत्नी: शादी के पहले मेरा फिगर; था बिल्कुल कोक की बोतल . यह सुन पति बोला: डार्लिंग! ठीक कहती हो; पहले था वह 300 एम् एल, अब है डेढ़ लीटर. —————————– पति-पत्नी …2 पत्नी बोली पति: डार्लिंग काश…! तुम होते अदरक; मै तुम्हे कूटती जीभर . ———————– पति-पत्नी…3 पत्नी बोली पति […] December 12, 2017December 12, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
क्षणिकाएँ………………2 जीवन-मृत्यु चित्र -सौजन्य google.com 1 पेड़ पे ऊगी कोंपल; बन हरा पत्ता, फिर मुरझाया; डाल से टूट गया. 2 मुठ्ठी में भरी रेत; धीरे से फिसली और मुठ्ठी रीत गई. 3 खेत में लहलहाई फसल; पककर कटी, खेत खाली कर गई. 4 पानी का बुलबुला; धीरे से उठ, सतह पर आया; फिर विलीन हो गया. […] December 8, 2017December 8, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
राजनीतिक शुचिता…को जरुरत स्वच्छता अभियान की. हाय जुबान का ये फिसल जाना… हमारे राजनेताओं को पता नहीं जब-तब कौन सा वायरस काट लेता है की उनकी जुबान आयें-बाएं बकना शुरू sorry…! ऐसे मौसम का असर मुझ पर भी हो गया और मेरी जुबान को भी उस वायरस ने काट लिया. खैर… मै तो क्षमा मांग चुकीं हूँ, हाँ…! तो बात हो […] December 8, 2017December 8, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
Cashify.in contest #CleanUpCashOut उफ़…!बीबी का मायके जाना.. Cashify.in ने #CleanUpCashOut कांटेस्ट से जहाँ कुछ नगदऊ कमाने की जुगाड़ बैठा दी वहीँ हमारे अतीत के अँधेरे में गुम कुछ खुबसूरत जुगनुओं को भी ढूँढने की जहमत उठाने का मौका दिया. बात तो आज भी जैसे कल की ही लगती है, आज भी सोचते हैं तो कलेजा मुँह को आता […] October 23, 2017October 23, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
चार लाइन एक्सपायरी डेट दवाई की एक्सपायरी डेट होती है; पता होती है… इंसान की एक्सपायरी डेट होती है. पर…लापता होती है. Original link October 4, 2017October 4, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
रावण और गाँधी…. हम स्वयं अपने रावण हैं…गाँधी हैं… 30 सितम्बर को हमने रावण दहन किया और हर साल की तरह बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का जश्न मना लिया. केवल एक दिन हम इस अच्छाई-बुराई के पाठ को दोहराकर फिर साल भर के लिए भूल जाते हैं. रावण को बुराई का प्रतीक मानकर उसके प्रति अपनी […] October 4, 2017October 4, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
लघु कथा—10 माँ का दिल नये साल की वह पहली सुबह जैसे बर्फ की चादर ओढ़े ही उठी थी. 10 बज चुके थे पर सूर्यदेव अब तक धुंध की रजाई ताने सो रहे थे. अनु ने पूजा की थाली तैयार की और ननद के कमरे में झांक कर कहा,” नेहा! प्लीजनोनू सो रहा है ,उसका ध्यान रखना. […] September 28, 2017September 28, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
ये सचमुच भारत है… भारत यहाँ बसता है...` बचपन में पाठ्यक्रम में एक पाठ हमेशा से ही इस लाइन से शुरू होता था…” भारत गावों में बसता है,,,!!” बात तो आज भी सत्य है क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और गाँव इसकी आत्मा है, पर ठहरिये आज के भारत को अगर आप परखेंगे तो पाएंगे कि अब […] September 28, 2017September 28, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
इंसान का इंसान न हो पाना… इंसान इंसान नहीं है तो फिर… बहुत सोचा कि इंसान वास्तव में खुद के बारे में क्या सोचता होगा…? अगर मुझसे जानना चाहेंगे तो केवल इतना ही कह सकूंगी कि अभी तक इसका जवाब नहीं मिला. पर सच है कि हम खुद से पूछ के देखें तो पाएंगे कि अभी हम पूरी तरह से इंसान […] September 26, 2017September 26, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked
use Royale atmos to purify your home ये मेरा घर- ये मेरा घर… “Touch wood”, दुनिया में अगर कोई भी safest place है तो वो है “मेरा घर” और जब घर की बात हो रही है तो गुलज़ार साहब की ये ghazal तो गुनगुनाने का मन भी कर आता है. ” ये तेरा घर ये मेरा घर….” हाँ…. तो मै बात कर […] September 24, 2017September 24, 2017 Saving Bookmark this article Bookmarked