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परिश्रम का महत्व निबंध हिंदी में

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प्रस्तावना

वह कार्य जो व्यक्ति द्वारा किसी कारण की संतुष्टि के लिए किया जाता है, वह कठिन कार्य कहलाता है। उसके द्वारा किए गए कठिन कार्य से मनुष्य की राह पूरी तरह से नहीं सुलझती है। कोई भी कार्य केवल आवश्यकता से समाप्त नहीं होता है, बल्कि उसे पूरा करने के लिए एक टन बड़े व्यवसाय की आवश्यकता होती है। बड़े शहरी क्षेत्र, महान संरचनाएं, सड़क मार्ग, विनिर्माण संयंत्र, और इसी तरह की अत्याधुनिक अवधि के अधिकांश भाग मानव कठिन परिश्रम के परिणाम हैं।

आवश्यक कार्य- Importance of Hard Work in Hindi

जीवन में उपलब्धि का मार्ग एक संघर्षपूर्ण कार्य है, यही कारण है कि हम हर पल कठिन कार्य चाहते हैं। दरअसल, खाना भी असली मुंह में नहीं जाता, उसे तो काटना ही चाहिए। फिर भी जो व्यक्ति किसी भी कार्य को पूरा नहीं करना चाहता, ऐसा सुस्त, उद्यमी और आलसी व्यक्ति कहीं नहीं जा सकता। केवल उस व्यक्ति के अस्तित्व को महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जिसने वास्तव में अपने और अपने देश के उत्थान के लिए कमर कस ली है। उपलब्धि मनुष्य के चरणों को अनेक युद्धों और उपक्रमों के बाद ही चूमती है, इसी कारण कहा गया है कि-

उदयमेन हाउडी सिद्धांती कार्यि न मनोरथैया।

ना हाउडी सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशंती मुखे मृग।”

अर्थात् उद्योग के द्वारा ही मनुष्य का कार्य प्राप्त होता है, केवल अभाव से कुछ नहीं होता। असली हिरण आराम करने वाले शेर के मुंह में प्रवेश नहीं करता है। लक्ष्मी वैसे ही उदासीन से भाग जाती है। एक भाग्यशाली और दुखी व्यक्ति के लिए सामान्य आनंद प्राप्त करना दिलचस्प है। इस घटना में कि हमें ग्रह पर पूर्ण आनंद की तलाश करनी है, हमें झुकना होगा। कठिन परिश्रम से हमारी शक्ति क्षीण नहीं होती, बल्कि हमारी शारीरिक, मानसिक और विद्वतापूर्ण शक्तियों में वृद्धि होती है और जीवन निर्भयता से ओतप्रोत हो जाता है। कठिन परिश्रम ही सिद्धि का रहस्यात्मक सिद्धांत, मई का अवतार और प्रगति का मुख्य भाग है।

कड़ी मेहनत का महत्व

रोजमर्रा की जिंदगी में कठिन काम मिलने से कौन महत्व रख सकता है? कठिन कार्य में वह प्रभाव होता है जो दुर्भाग्यशाली धनी और शासक को स्वामी बना सकता है। एक समर्पित व्यक्ति अपने उद्देश्य की ओर बढ़ता रहता है और कोई भी रोड़ा उसके रास्ते में नहीं आ सकता है। उपलब्धि वैसे ही तेजतर्रार व्यक्ति को चुनती है और सुस्त व्यक्ति से भाग जाती है। एक कार्य खोजकर्ता, अपने कठिन मुआवजे के माध्यम से, आदर्श कुख्याति और प्रतिभा को पूरा करके, अपने आसपास के आम जनता को जगाता है। एक दुर्भाग्यशाली छात्र न केवल अपने निरंतर प्रयास के बल पर मूल्यांकन में शीर्ष स्थान प्राप्त करता है, बल्कि एक ऊंचे स्थान पर पहुंचकर अपने परिवार और समाज को ऊपर उठाता है और सभी के लिए एक आदर्श बन जाता है। भले ही एक सच्चा मेहनती कर्मचारी कम आता है, वह प्रायश्चित नहीं करता है, फिर भी वह पूरा होता है कि वह वास्तव में अपनी क्षमता के अनुसार झुक गया है, वर्तमान में यह जैविक उत्पाद देने के लिए भगवान की इच्छा पर निर्भर करता है।

कड़ी मेहनत के लाभ

वास्तव में झुक जाने से व्यक्ति आंतरिक समरसता प्राप्त करता है, हृदय निर्मल हो जाता है, वास्तविक समृद्धि प्राप्त होती है और मनुष्य प्रगति के शिखर पर पहुंच जाता है। हमारे अनुभवों का सेट महत्वाकांक्षी व्यक्तियों की उपलब्धि के लिए प्रशंसाओं से भरा हुआ है। अमेरिका और जापान जैसे राष्ट्रों की सिद्धि का रहस्य उनके द्वारा किया गया लगातार कठिन कार्य है।

 

झुककर, मनुष्य का मूल दूषित और सामान्य कमियाँ है और चाहता है कि उसे परेशान न करें। मेहनती व्यक्ति को भेद और नकद दोनों मिलते हैं। यदि वास्तविक कार्य करने वाला व्यक्ति अच्छी स्थिति में रहता है, तो मानसिक कार्य करने वाला व्यक्ति भी पीछे नहीं रहता। ऐसे लोगों को भी संक्रमण नहीं फैलता है।

फोकस के वास्तविक उदाहरण

दुनिया में ऐसे कई असाधारण पुरुष हुए हैं, जिन्होंने कठिन परिश्रम से अपने जीवन को शानदार बनाया है। बाबर, शेर शाह, नेपोलियन, सिकंदर और इसी तरह सभी पारंपरिक व्यक्ति सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण थे, फिर भी वे अपनी गतिविधियों को देखते हुए उल्लेखनीय बन गए। कोलंबस ने अपने अथक प्रयास के बल पर अमेरिका को पाया। शिवाजी की समृद्धि का रहस्य उनकी दृढ़ता थी, जबकि उनकी संतान संभाजी सुस्ती के कारण फ्लॉप हो गई थी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, नेताजी सुभाषचंद बोस, महात्मा गांधी, तिलक, भगत सिंह, हिटलर, अब्राहम लिंकन, गोखले, और इतने पर रिलायंस ग्रुप, टाटा, बिड़ला आदि जैसे विशाल अमीरों ने बेचैन हार कर विशेष रूप से इतनी प्रगति की है शाम और दिन का आराम। . चंद्रमा सहित विभिन्न ग्रहों की मनुष्य की यात्रा का आधार उसके निरंतर कठिन परिश्रम की गंध है। कठिन और निरंतर कठिन परिश्रम के बल पर ही आज मनुष्य अपनी तार्किक सिद्धियों से संसार के निर्माता ब्रह्म का स्थान प्राप्त करता है।

उपसंहार-

लेखक सुमित्रानंदन ने कीट को काम की एक छवि माना है – “यह दिन के दौरान एक महत्वपूर्ण दूरी के लिए टहलता है, उत्साही काम से कभी नहीं हटता है।” यदि मनुष्य जीवन में कठिन परिश्रम के महत्व को कीट की तरह समझ ले, तो उस समय बिंदु, वास्तविक जीवन में हमारा विश्वास काफी अधिक जमीनी हो जाता है।

कठिन कार्य ही जीवन का आधार है। इसके बिना मानव बार-बार बाल्टी को लात मारता। तुलसीदास जी ने भी कहा है – “स्थूल पदार्थ जगत् है, न कर्महीन पुरुष”। अर्थात् इस संसार में संसार की अधिकांश वस्तुएँ हैं, फिर भी कर्म करने वाला व्यक्ति ही उन्हें प्राप्त कर सकता है। जब भी प्रकृति अपने कार्य में निरंतर तत्पर रहती है, जब सूर्य, चंद्रमा, तारे हमारी उदारतापूर्वक सेवा करते रहते हैं, तो उस समय हम मानव हैं, हमें और अधिक मेहनत करनी चाहिए। मेहनती को भगवान भी पालते हैं, उसकी पूजा करते हैं।

 

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