वजन कम करके उसको मेंटेन करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि वजन कम करने के बाद आपकी बॉडी कैसे रिएक्ट करेगी ,यह अलग-अलग बॉडी पर डिपेंड करता है। वजन कम करने के बाद शरीर वजन को वापस बढ़ाने की कोशिश करता है, अब यह आपकी कोशिश रहती है कि आप वजन बढ़ने न दें। इसके लिए स्वस्थ भोजन हेल्दी डाइट और शारीरिक गतिविधि फिजिकल एक्टिविटी काफी जरूरी है।
Symptoms
मोटापा आना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इसलिए ज्यादातर लोग अपने वेट को नियंत्रण में रखना चाहते हैं। जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं, वे वजन कम करने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। ऐसे में कई बार उन्हें अनहेल्दी वेट लॉस का भी सामना करना पड़ता है। इसका असर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।आइए आगे विस्तार से अनहेल्दी वेट लॉस के लक्षण जाने:-
मांसपेशियों का कमजोर होना
जब आप अपना वजन कम करते हैं, तो सिर्फ फैट कम नहीं होता है बल्कि आपकी मांसपेशियां भी कम होती हैं। मांसपेशियों में कमी आने की वजह से मेटाबॉलिज्म रेट भी कम हो जाता है। इससे फैट और मसल्स के बीच संतुलन बनाने में मुश्किल आती है। मांसपेशियां कमजोर होने पर आपको भारी सामान उठाने, सीढ़िया चढ़ने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए आपको अनहेल्दी वेट लॉस से बचना चाहिए, यह आपकी मांसपेशियों को कमजोर बनाता है और आपके जीवन को मुश्किल में डालता है।
पोषक तत्वों की कमी
बहुत ज्यादा वजन घटाने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जबकि स्वस्थ शरीर के लिए पोषक तत्वों की पूर्ति होना बहुत जरूरी होता है। स्वस्थ रहने के लिए शरीर में विटामिन डी, कैल्शियम, आयरन जैसे विटामिंस और मिनरल्स की पूर्ति होना जरूरी है। लेकिन जब हम अनहेल्दी तरीके से वजन घटाते हैं, तो कई सारे पोषक तत्व शरीर में कम हो जाते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को कई रोगों का सामना करना पड़ सकता है।
पाचन तंत्र का प्रभावित होना
जब अस्वस्थ तरीके से वजन घटाया जाता है, तो इसका असर हमारे पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति को कई लक्षणों का अहसास होता है। इनमें पेट में सूजन, पेट में दर्द, सांसों की बदबू, पुराना कब्ज, निगलने में कठिनाई, भूख में कमी, मतली, दस्त और उल्टी जैसे लक्षण शामिल हैं।
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इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन
हमारे कई शारीरिक कार्य प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों द्वारा नियंत्रित होते हैं। इन तत्वों के अनुपात में कोई भी असंतुलन संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है और दौरे और अनियमित दिल की धड़कन जैसी स्थिति पैदा कर सकता है। विशेष रूप से इलेक्ट्रोलाइट्स सेलुलर फंक्शन और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन की स्थिति में व्यक्ति को लगातार उल्टी और दस्त की समस्या बनी रहती है। इसमें शरीर के विटामिंस और मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं।
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शरीर में कमजोरी आना
जब हमारा वजन लगातार कम होता है , तो इसका असर हमारे शरीर पर साफ दिखाई देता है। इस दौरान हमें हड्डियों और जोड़ों में दर्द, पीली त्वचा, शरीर की चर्बी कम होना, मांसपेशियों में कमी, पैरों में सुन्नपन, त्वचा पर खुजली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।इतना ही नहीं अनहेल्दी वेट लॉस होने पर कई अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। जैसे चक्कर आना, अनियमित दिल की धड़कन, डिहाइड्रेशन, पेट में तेज दर्द, गंभीर दस्त और खून की उल्टी आना शामिल हैं। इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, क्योंकि आगे चलकर यह गंभीर बीमारियों को रूप ले सकते हैं।
Causes
अचानक वजन कम होने के कई कारण होते हैं. अगर आप अचानक वजन घटना महसूस कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि शरीर का वजन अचानक कम होना खतरनाक हो सकता है आइए विस्तार से जानते है अचानक वजन कम होने का कारण
वाटर लॉस होना
कई बार बॉडी से बहुत अधिक वाटर लॉस होता है, तो भी व्यक्ति का वजन तेजी से कम होने लगता है। जब आप बहुत अधिक पोटेशियम रिच डाइटलेते हैं या फिर बहुत अधिक डिटॉक्स वाटर, जूस व फल लेते हैं और नमक बहुत कम लेते हैं, तो इससे बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है। इसके अलावा, बहुत अधिक पसीना, पेशाब आदि होने से भी बॉडी से वाटर लॉस होता है और व्यक्ति का वजन गिरने लग जाता है। हालांकि, यहां आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि यह हेल्दी वेट लॉस नहीं है और इसलिए आपको तुरंत डायटीशियन से मिलकर अपनी डाइट पर काम करना शुरू कर देना चाहिए।
डायबिटीज़
डायबिटीज़ एक मेटाबॉलिक समस्या है जिसमें आपके शरीर में ब्लड शुगर स्तर उच्च होता है। इसके दो कारण हो सकते हैं, या तो ये कि आपके शरीर में इंसुलिन का निर्माण न हो पा रहा हो या फिर ये कि आपका शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिक्रिया नहीं कर पा रहा हो, या फिर ये दोनों ही कारण हो सकते हैं। इस के लक्षण कुछ इस प्रकार है। बार बार यूरीनेशन, बहुत अधिक प्यास, अधिक भूख, वज़न बढ़ना अचानक वज़न घटना , थकान, घाव जल्दी न भरना और हाथ पैर सुन्न पड़ना।ये सभी डायबिटीज़ के कारण है
ट्यूबरक्लॉसिस यानी टीबी
टीबी रोग को तपेदिक, क्षय और यक्षमा जैसे कई नामों से जाना जाता है। तपेदिक संक्रामक रोग होता है जो माइकोबैक्टिरीअम ट्यूबरक्लॉसिस नामक जीवाणु के कारण होता है। इस बीमारी का किडनी, रीढ़ की हड्डी या दिमाग पर असर भी पड़ सकता है ,आइए जाने टीबी रोग होने के लक्षण जैसे :खांसी, कभी कभी ख़ासी में खून आना, छाती में दर्द, थकान, वज़न घटना, बुखार व रात को पसीना आना।
अधिक सक्रिय थायरॉयड
थायरॉयड ग्लैंड हार्मोन थायरॉयड का निर्माण करते हैं जो कि शरीर का मेटाबॉलिज्म नियंत्रित करते हैं। उदाहरण के लिए, आपके दिल की धड़कन, आप कितनी जल्दी कैलोरी बर्न करते हैं और पाचन क्रिया। ये शरीर में कैल्शियम के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं। जब थायरॉयड ग्लैंड बहुत अधिक थायरॉयड का निर्माण कर देते हैं तो उस स्थिति को हाइपरथायरॉयडिज़्म कहते हैं। आइए जाने सक्रिय थायरॉयड रोग होने के लक्षण जैसे :दिल की धड़कनों का तेज़ और अनियमित होना, पसीने ज्यादा आना, अचानक वजन घटना, जल्दी जल्दी सांस लेना, पैनिक अटैक, थकान, मूड स्विंग आदि। हालांकि सभी में ये सारे लक्षण नहीं दिखते। कुछ लोगों में कम भी दिख सकते हैं
डिप्रेशन
डिप्रेशन एक ऐसा मूड डिसॉर्डर है जिसमें कई कई दिनों तक उदासी, परेशानी, चिंता या चिड़चिड़ापन महसूस होता रहता है।। आइए जाने डिप्रेशन रोग होने के लक्षण जैसे :कम या ज्यादा सोना, ध्यान केंद्रत करने में समस्या, नकारात्मक विचार, निराशा की भावना, लाचारी महसूस करना, चिड़चिड़ापन, आत्महत्या की इच्छा और अचानक व बहुत ज्यादा वज़न घटना।
Treatment Of Weight loss
आयुर्वेद में स्वास्थ्य की हर समस्या का समाधान मौजूद है. इसलिए, अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं और कोई उपाय काम नहीं आ रहा है तो एक बार आयुर्वेदिक उपाय आजमा कर देखें. क्योंकि, आयुर्वेदिक औषधियां आपके शरीर के अंदर से मोटापे के कारणों को दूर करके अतिरिक्त चर्बी से छुटकारा दिलाते हैं. आइए मोटापा कम करने वाली आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जानते हैं. आइए मोटापा कम करने वाली आयुर्वेदिक औषधियां निम्नलिखित आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से किया गया वेट लॉस ज्यादा असरदार और स्थाई होता है. आइए इन औषधियों के बारे में जानते हैं.
आंवला
आवंले में बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन से लड़ने की ताकत होती है. इसे खाने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है, जिससे हम बीमरियों से दूर रहते हैं. यही नहीं आंवला शरीर में मौजूद टॉक्सिन यानी कि जहरीले पदार्थों को बाहर निकाल देता है. आंवला खाने से सर्दी-जुकाम, अल्सर और पेट के इंफेक्शन से मुक्ति मिलती है. आंवला मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है, जो मोटापा कम करने में मददगार साबित होता है.
जीरे का पानी
जीरे का पानी कोई आम पानी नहीं बल्कि एक तरह का जादू है. जीरे का पानी वजन तो कम करता ही है साथ ही यह पूरे स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है. इस पानी को बनाना भी बेहद आसान है. एक गिलास पानी में दो चम्मच जीरा डालकर उसे 10 मिनट तक उबाल लीजिए. इसके बाद आंच से उतारकर इसे ठंडा कर पी लीजिए. इससे आपके पेट की चर्बी कम करने मे मदत मिलेगी
मेथी दाना
मेथी के बीज अपने पाचन को बढ़ाने और वजन कम करने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं. मेथी में गैलक्टोमेनान होता है, जो पानी में घुलनशील घटक है. यह भूख को कम करता है और आपको लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास कराता है. यह शरीर की पाचन प्रकिरया दर को भी बढ़ा सकता है, जिससे आपके पेट की चर्बी घटाना आसान हो जाता है|
त्रिफला
त्रिफला में हरितकी, बिभीतकी और अमलकी जैसे सूखे फलों का उपयोग करके बनाया जाता है. त्रिफला बनाने के लिए इन तीनों को एक साथ मिलाया जाता है. ये जड़ी-बूटियां शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद कर सकती हैं. त्रिफला पाचन को बेहतर बनाता है| यह पेट पर जमी वसा से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है|
SUMMARY
जैसा कि हमने आपको लेख में वजन घटाने और इसके कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार से अवगत कराने की कोशिश की है। अगर आप लोग आयुर्वेदिक उपचार पसंद करते हैं, या किसी समस्या के बारे में जानना चाहते हैं तो अपनी टिप्पणी कमेंट सेक्शन में पोस्ट करें, हमारी टीम आपसे संपर्क करेगी या आपको बहुत जल्द जवाब देगी।
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